Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Arunima Thakur

Abstract Romance Inspirational

4.7  

Arunima Thakur

Abstract Romance Inspirational

वैवाहिक बंधन

वैवाहिक बंधन

1 min
527


महावर, बिछिया,चूड़ी, 

बिंदी, से सज कर,

तुम्हारे नाम का सिंदूर

अपनी माँग में भरकर


मंगलसूत्र के एक 

सूत्र से बंध कर, वह

पायल छनकाती, चली 

आई तुम्हारे पीछे पीछे,


मात पिता सभी रिश्तों

को पीछे छोड़ कर

पियरी के अवगुंठन में

नए रिश्ते जोड़ कर


सप्तपदी के वचनों को 

दिल में गहरे उतार कर,

अनजानों को अपना और

अपनों को पराया मानकर


क्योंकि तुमसे प्यार था, 

तुम पर एतबार था 

और तुम्हारे प्यार पर 

यकीन बेशुमार था ।


तुमने भी उसे अपना बनाया,

सच्चे दिल से अपनाया

उसके गुण दोषों के साथ

जैसी थी वैसी स्वीकार कर


तुम्हारे प्यार और एतबार 

पर उसका यकीन 

हर आती जाती साँस के 

साथ बढ़ता जाता है


तुम्हारा स्पर्श और साथ

तुम पर यकीन दिलाता है।

इस प्यार के वैवाहिक बंधन 

पर यकीन पुख्ता होता जाता हैं। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract