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Devesh Dixit

Children Stories Comedy

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Devesh Dixit

Children Stories Comedy

चड्डी

चड्डी

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रंग बिरंगी हरी-पीली

चड्डी देख चूहा मुस्कुराया

कौन से रंग की लूं चड्डी

चूहा ये समझ न पाया

कैसी है ये विकट परिस्थिति

चूहा तब असमंजस में आया

देख कर वो हाईट अपनी

चड्डी में घुसकर बाहर आया

चड्डी थी अधिक बड़ी

तो वो उसमें समा न पाया

दुबला पतला चूहा अपनी

किस्मत पर रोकर आया

कहीं पर मिल गई छोटी सी चड्डी

चूहा उसमें फिट आया

पर एक समस्या अभी भी बाकी

पूँछ निकलने का रास्ता न पाया

अपने दांतों से काट के चड्डी

पूँछ निकलने का रास्ता बनाया

कहीं छुप कर देख रही थी बिल्ली

चूहे को देख मन ललचाया

बिल्ली ने फिर दौड़ लगाई

चूहा देख घबराया

उसने भी सरपट दौड़ लगाई

एक जगह वो झटका खाया

चड्डी कहीं अटक गई उसकी

ये देख वो घबराया

उतार वहीं पर वो चड्डी

बिल्ली से अपना पिंड छुड़ाया

बिल्ली ने फिर घात लगाई

पर चूहा हाथ न आया

चूहे ने फिर रट लगाई

अब मेरी समझ में आया

चड्डी में नहीं अपनी भलाई

ये प्रभु तुमने समझाया

पीछे पड़ी थी वो कसाई

मौके पर तुमने मुझे बचाया।



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