सत्य की राह पर चल कर तो देख
सत्य की राह पर चल कर तो देख
अभी तक असत्य की राह पर चला,
झूठ और फरेब की तरफ ही बढ़ा।
सत्य की राह पर चल कर तो देख,
इससे बड़ा सुकून कहीं नहीं मिला।
दुनिया को ठग कर जो कमाया है,
नहीं जानते हो कि क्या गँवाया है।
ईश्वर ने भी तो मुख मोडा है तुमसे,
फिर क्यों इतना सीना फुलाया है।
दुआएँ कभी भी तो ली नहीं तुमने,
दर्द के सिवा कुछ दिया नहीं तुमने।
एक बार किसी का भला कर देखो,
जो कि कभी भी किया नहीं तुमने।
हँसी के कुछ पल बिता कर तो देखो,
किसी को मुस्कान ये देकर तो देखो।
चमक अनायास ही आएगी तुम पर,
जरा ये पुण्य तुम कमाकर तो देखो।
अभी तक असत्य की राह पर चला,
झूठ और फरेब की तरफ ही बड़ा।
सत्य की राह पर चल कर तो देख,
इससे बड़ा सुकून कहीं नहीं मिला।