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Devesh Dixit

Inspirational

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Devesh Dixit

Inspirational

कर्म (दोहे)

कर्म (दोहे)

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कर्म फल मिलेगा वही, जैसा बोया बीज।

जो बोय कांटे तुमने, कहलाओगे नीच।


मिलेंगे बबूल तुमको, मत कर तू अफसोस।

कर्म हैं तेरे अपने, दो मत उनको दोष।


कर्म तुझे अब क्यों खले, तूने पाए पाप।

जो भोगे तू पाप तो, फिर क्यों रोए हाय।


कमाएं अगर पुण्य तो, जीवन हो खुशहाल।

इसी माहौल में पले, जीवन कई हजार।


ईश भी तो ख्याल करें, देख कर सदाचार।

परिणाम उसी का मिले, मिले तुझे भी प्यार।



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