हेलमेट
हेलमेट
मोटर साइकिल पर बैठे
दो व्यक्ति कहीं जा रहे थे
हवा से बातें भी कर रहे थे
लंगूर को भी घुमा रहे थे
बिना हेलमेट के चले जा रहे थे
मोटर साइकिल से बढ़े जा रहे थे
पता नहीं कहां जा रहे थे
बस कहीं तो जा रहे थे
आगे मिल गया थानेदार
चालान काट रहा फर्राटेदार
जब चालक को नजर आया
दिमाग ने उसके झटका खाया
बिना हेलमेट के हैं ख्याल आया
दिमाग में उसके विचार आया
थानेदार से बचने की खातिर
दिमाग चलाया उसने शातिर
नज़र बचाकर भी निकल न पाया
थानेदार ने जब डंडा अड़ाया
बिना हेलमेट के उनको पाया
तीनों का उस पर जुर्माना लगाया
लंगूर को तब क्रोध आ गया
थानेदार पर रौब जमाया
चढ़ गया वो उसके ऊपर
रूप दिखाया उसने सुपर
थानेदार अब असमंजस में था
बिना बात के कशमकश में था
हेलमेट की जरूरत क्या इनको
खुद ही सुरक्षित करते सब को
हनुमान जी का ही तो रूप है
इनसे होती कहां कब चूक है
थानेदार को तब समझ में आया
उसने उन दोनों को समझाया
इनको तो मैं छोड़ रहा हूं
पर तुम दोनों को बोल रहा हूं
बिना हेलमेट के कहीं जाना नहीं है
मोटर साइकिल चलाना नहीं है
अभी तो तुम चालान भरोगे
तभी यहां से प्रस्थान करोगे
उसने चालान का भुगतान कराया
थानेदार से फिर पिंड छुड़ाया।
