Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ruby Mandal

Comedy Fantasy Others

4  

Ruby Mandal

Comedy Fantasy Others

कब्र की तंगी।

कब्र की तंगी।

2 mins
360


दो भूतनियां कब्रिस्तान में थी बतिया रही,

कह रही थी क्या चलो सुनते हैं हम सभी ,


दूसरी कहती है-पिछले वर्ष मैं घर से अपने निकाल दी गई।


पहली वाली ने पूछा_ तुम ऐसा क्यों कह रही हो बहना, तुम्हें मरे तो कई वर्ष हो चुके हैं ना ?


दूसरी ने उत्तर दिया-

शरीर की बात में ना कर रही, मैं तो बात कर रही हूं उस घर की,

मरने के बाद जहां मेरा शरीर था सोया हुआ ।


मेरी कब्र के पास ही मेरे प्रीतम का कब्र था ,

वही हम दोनों अंधेरी रातों में मिला करते थे।

हम दोनों को देखकर चुड़ैले और प्रेत,

जल - जल कर आहें भरा करते थे ।


पिछले ही वर्ष कोरोना ने मुझे मेरे घर से ही निकाल दिया ।


पहली बड़ी आश्चर्यचकित होकर है पूछती ,

कहती है -कोरोना तो जीवित लोगों को है मारता।

हम तो पहले से ही है मरे ; हमें कैसे घर से वो निकालेगा?


दूसरी भूतनी ने कहा-अरे ! मूर्ख मरने के बाद तो लाश कब्रिस्तान ही हैं आती,

और दफ़न होने के लिए बुकिंग है कराती।


मगर पिछले वर्ष कोरोना ने इतनी लाशें हैं गिराई

कि किसी को बुकिंग ही ना मिल पाई।


श्मशान और कब्रिस्तान सब ही थे भरे हुए,

कई पुरानी कब्रों को खोदकर,नई लाशें गई दफनाई।


बहुतों को तो वह भी नसीब ना हो पाया ,कितने ही सड़कर मजबूर हुए गलने को, 


पहली ने फिर पूछा -पर तुम कैसे घर से निकाल दी गई?


दूसरी ने उत्तर दिया-मैं भी कोरोना कि ही बलि चढ़ी,


मेरे कब्र में,"मैं भी तो पुरानी हो चुकी थी,"इसलिए किसी और नई लाश को एंट्री मिल गई।


वह भी है एक सुंदरी अकाल मृत्यु के मुंह में चढ़ी।


पर मेरे प्रीतम की कब्र वही रही,

पर जब मेरी कब्र में मेरा शरीर ही नहीं तो मैं कैसे वहां रह सकती थी ।


इस भूतिया कानून का उल्लंघन में कैसे करती,

और शरीर को दुष्ट लोगों ने शहर से दूर इस कब्रिस्तान में दफना दिया,

और इस तरह मैं अपने घर से ही बाहर हो गई।


पहली ने कहा -फिर तो "तुम्हारे प्रीतम बहुत दुखी होंगे"?


दूसरी कहती है -अरे ,नहीं ! वह तो मुझे भूल ही बैठे हैं,

बेवफा हो गए हैं वह भी , नई सुंदरी जो उन्हें मिली है ।


मुझसे कहते हैं "प्रेम तो मैं तुम से ही करता हूं"

पर कब्र से दूर जाने का कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता हूं।


दूसरी भूतनी की यह व्यथा सुन "पहली ने कोरोना को कोसा" कहने लगी - 


इस कोरोना ने तो हम भूतों का भी घर बार उजाड़ दिया।

भला हो इस नववर्ष का जो वैक्सीन चली आई है।

नहीं तो शायद अगले घर और कब्र का नंबर मेरा होता।

धन्यवाद



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy