अधूरी मुलाकातें
अधूरी मुलाकातें
यादों की अलमारी में सजी हुई है
आज भी तेरी कुछ अधूरी यादें,,
कुछ सलिके से,कुछ सलवटों में,कुछ तय करके,
दिल की धड़कनों में,एक कोने में तेरी वो यादें,,
वो तिरछी निगाहों से देखना तेरा,
वो दिलकश शरारत भरी मुस्कान तेरी,
वो मुस्कुरा कर नजरें झुकाना तेरा,,,
वो धड़कनों की रफ्तार को बढ़ाना तेरा,
वो अधूरा सा एहसास दिल में जगाना तेरा,,
कुछ ना कहकर भी निगाहों से छेड़ जाना तेरा,,
यादों की अलमारी में आज भी सजी हुई हैं
वो अधूरा ही सही एक एहसास का फंसाना तेरा,,
रखा नहीं है संभाल कर मैंने तुझे वहां,
पर ना जाने क्यों तेरी खामोशी ने जगह बनाई है वहां,,
तु मुझे याद नहीं है पर एक अधूरा एहसास है तु,,
जो ना चाहकर भी मेरी यादों में चला आता है,,
ना कोई जगह दी है तुझे मैंने दिल के कोने में,
फिर तेरी याद क्यों मुस्कुराहट बनकर
मेरे लबों पर बिखर जाती है
एक अधूरी सी याद बनकर ,
तु मेरी यादों में चला आता है,,
यादों की अलमारी में सजी है आज भी वो तेरी यादें,
वो कभी ना होने वाली हमारी अधूरी मुलाकातें,,।