एक ख्वाब
एक ख्वाब
चलों एक ख्वाब बुनते हैं,,
हम खुला आसमान चुनते हैं
ना किसी की तान हो,,
इशारों पर कठपुतली बन नाचना,,
ना मेरी यही एक पहचान हो।
उमंगों, उम्मीदों से भरा,,
वो अनन्त जहा मेरी उड़ान हो,,
ना बंधनो से जुड़ा मेरा सम्मान हो,,
प्रश्नों के उत्तर देना मेरी विवशता ना हो,,
प्यार हो,, परवाह हो,,
समानता का दर्जा हो,,
दायरे सिर्फ मेरे लिए ही ना हो,
सभी के लिए दायरों का जहा हो।
सहनशीलता की परीक्षा देनी ना पड़े ,,
हर बार सिर्फ मुझे ही सहना ना पड़े,,
मेरी भावनाओं को व्यक्त करना,,
जहां मेरा दोष ना माना जाए।
चलों एक ख्वाब बुनते हैं,,
हम खुला आसमान चुनते हैं।