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Dinesh Dubey

Comedy

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Dinesh Dubey

Comedy

अबला

अबला

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अबला नहीं अब सबला हैं ,

आंखों में आंखें डालकर ,

कंधे से कंधा मिलाकर वो,

बजाए सबके सर अब तबला हैं।

मर्दों का अब हो रहा दर्द ,

अब हवा भी उनको लगती है सर्द ,

जो देख उन्हें घबराती थी ,

अब आंखें दिखलाती है।

कदम से कदम मिला रही ,

मर्दों से भी बढ़कर कमा रही,

सभी को हैं ये शरमा रही ,

सभी के ये कान काट रही।


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