अबला
अबला
अबला नहीं अब सबला हैं ,
आंखों में आंखें डालकर ,
कंधे से कंधा मिलाकर वो,
बजाए सबके सर अब तबला हैं।
मर्दों का अब हो रहा दर्द ,
अब हवा भी उनको लगती है सर्द ,
जो देख उन्हें घबराती थी ,
अब आंखें दिखलाती है।
कदम से कदम मिला रही ,
मर्दों से भी बढ़कर कमा रही,
सभी को हैं ये शरमा रही ,
सभी के ये कान काट रही।
