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Dinesh Dubey

Comedy

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Dinesh Dubey

Comedy

मैंने सोचा क्यों ना

मैंने सोचा क्यों ना

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मैंने सोचा क्यों ना अब कुछ 

कर ली जाए राजनीति,

सब जगह से फेल हुआ,

यहां भी किस्मत आजमा ले।


कहते हैं यहां पर,

सब कुछ हो सकता है,

क्षण में मासा क्षण में तोला,

यहां पर हो जाता है,


ना डिग्री की है जरूरत,

ना कोई एंट्रेंस एग्जाम है,

लात जूते खाने को हम भी,

हर पल तैयार हैं। 


थोड़ी चापलूसी, थोड़ी बड़ाई,

नेताजी की करो जय जयकार,

इस जमाने के राजनीति के,

वही तो है अवतार।


मिलती है सभी सुख सुविधा,

जिसकी हमे दरकार है,

और मजा मिलता है उनको,

जिनकी यहां सरकार है।।




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