Raakesh More
Comedy Others
चाय का मजा
खारी के साथ ले
पैसा नहीं तो
उधारी के साथ ले।। 0।।
आज की बात
मैं करता हूँ
मिठास से दिल
भरता हूँ
चाहिए तो चाय
मारी के साथ ले
उधारी के साथ ले।। 1।।
ढुंढ लेता हूं...
आज तेरी बाहो ...
सांवली सलोनी ...
कहते हैं टपोर...
गुलाम हूँ धर्...
हम भी तो एक भ...
मौका नहीं देत...
तेरी यादों की...
मुझे भिगाकर च...
तेरी यादो की ...
ये तुम्हारी या मेरी नहीं अपनी, है ये कहानी घर-घर की। ये तुम्हारी या मेरी नहीं अपनी, है ये कहानी घर-घर की।
वर्षा का स्वागत-- गीत अब के बरस भी ना उठ पाऐगी...... बिटिया की डोली ।कर्ज़ पाटने में गुज़रेगी ; ईद---... वर्षा का स्वागत-- गीत अब के बरस भी ना उठ पाऐगी...... बिटिया की डोली ।कर्ज़ पाटने...
आखिरकार मैंने, कुछ शब्दो को धरदबोचा, और छंदों की गांठ मारी और किस्सों को पोटली में खोसा. मैंने इन स... आखिरकार मैंने, कुछ शब्दो को धरदबोचा, और छंदों की गांठ मारी और किस्सों को पोटली ...
कल रात पूजा पंडाल मेंं अजीब बात हो गई। कल रात पूजा पंडाल मेंं अजीब बात हो गई।
जब सच से पाला पड़ता तो घड़ों पानी पड़ता सिर पर फिर आती अक्ल ठिकाने। जब सच से पाला पड़ता तो घड़ों पानी पड़ता सिर पर फिर आती अक्ल ठिकाने।
अपने सभी परिजन को देख ले आखरी बार यामलोक तू जाने को अब हो जा तैयार अपने सभी परिजन को देख ले आखरी बार यामलोक तू जाने को अब हो जा तैयार
नेताजी की शेरवानी के बटन होल में नेताजी की शेरवानी के बटन होल में
तुम जिसे अपनी सफलता कहते हो और जिसका बखान करते थकते नहीं हो दरअसल वह तुम्हारा बेरंग और निष्ठुर होना ... तुम जिसे अपनी सफलता कहते हो और जिसका बखान करते थकते नहीं हो दरअसल वह तुम्हारा बे...
ऊपर से जाने कहांँ से मिल गया उसे वरदान में सुपर पावर। ऊपर से जाने कहांँ से मिल गया उसे वरदान में सुपर पावर।
एक भाई का अपनी बहन से निवेदन की वो उसे इस बार राखी न बांधे. क्योंकि वो अपने भाई होने का फर्ज ठीक से ... एक भाई का अपनी बहन से निवेदन की वो उसे इस बार राखी न बांधे. क्योंकि वो अपने भाई ...
अब आप ही बताइए इसमें मेरा क्या है दोष। अब आप ही बताइए इसमें मेरा क्या है दोष।
हिन्दू मुस्लिम की खाई को देना है पाट, अरे कभी खा के तो देखो मजेदार पापड़ी चाट। हिन्दू मुस्लिम की खाई को देना है पाट, अरे कभी खा के तो देखो मजेदार पापड़ी चाट।
हुआ ऐसा 4,5 मकान छोड़ के सामने वाले घर में मैंने देखा किसी को लंबे बाल आगे लेकर पोंछते हुआ ऐसा 4,5 मकान छोड़ के सामने वाले घर में मैंने देखा किसी को लंबे बाल आगे लेकर ...
द्वार खड़ी माँ अब आरती उतारती, वीर बढ़ो माँ अब नित हैं पुकारती। द्वार खड़ी माँ अब आरती उतारती, वीर बढ़ो माँ अब नित हैं पुकारती।
प्रभु! क्षमा चाहता हूं आना तो मैं दिन में ही चाहता था, प्रभु! क्षमा चाहता हूं आना तो मैं दिन में ही चाहता था,
हाइकु और दोहा, राह में टकरा गए, एक दूजे को घूरा। हाइकु और दोहा, राह में टकरा गए, एक दूजे को घूरा।
रावण की जगह लेने की कोशिश भी न करो, रावण की जगह लेने की कोशिश भी न करो,
कविता मानव मन के समसामयिक द्वंदों पर आधारित है जिसमें कवि अपने अंतर्मन के भावनाओं और संलापों को अपने... कविता मानव मन के समसामयिक द्वंदों पर आधारित है जिसमें कवि अपने अंतर्मन के भावनाओ...
एक दिन मामला ऐसा बिगड़ा कि पड़ोसी पड़ोसन का हो गया आपसी झगड़ा। एक दिन मामला ऐसा बिगड़ा कि पड़ोसी पड़ोसन का हो गया आपसी झगड़ा।
बैठे बैठे कहते है हर घर की के जीजा, अब कभी न मँगवाना बाहर से पिज्जा। बैठे बैठे कहते है हर घर की के जीजा, अब कभी न मँगवाना बाहर से पिज्जा।