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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

हरि की कुंडलियां

हरि की कुंडलियां

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दीपावली के दीपों से जगमग हुआ संसार 

आशा का संचार हुआ मिट गया अंधकार 

मिट गया अंधकार चलाये खूब पटाखे  

लिबराण्डु मक्कार शोर सुनकर के भागे 

कहे हरि कविराय आनंद देख के सबका 

मिंया लॉर्डों के आदेशों की जल गई लंका ।। 

दीपावली के पावन पर्व पर सबको राम राम जी।


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