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Dheeraj kumar shukla darsh

Children Stories

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Dheeraj kumar shukla darsh

Children Stories

माँ

माँ

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माँ से मेरा रिश्ता

बड़ा ही निराला

मैं थोड़ा नटखट

माँ को हूँ प्यारा

कुछ अलग हूँ दूनिया से

दिल का मैं हूँ सच्चा

माँ जैसा हूँ मैं लेकिन

फिर भी हूँ अलबेला

उनकी परवरिश से मैं

कुछ नया कर पाऊँगा

सोच लिया है मैंने अब

अपना नाम बनाऊंगा

गर्व से माँ कहेगी

बेटा तुम पहचान मेरी

दूनिया मे मैं अपना

वो मुकाम बनाऊंगा

हारा नहीं मैं दूनिया से

खुद से ही मैं हार गया

इक दिन चमक बिखेरुंगा

बनकर तेरा सितारा माँ

ज्ञान तुम्हीं से पाया मैंने

यही मेरा अभिमान है मां।


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