माँ बिन जीवन निराधार
माँ बिन जीवन निराधार
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जो भी हूँ, तुझसे हूँ!!
माँ,बता तेरे लिए क्या लिखूं?
मैं अंश , तू सर्वस्व संसार!
तू साथ है तो चल रहा पथ पर,
तुझ बिन जीवन निराधार!!
प्रत्युत्तर हर समस्या का देना,
तुझसे ही सीखा है!
माँ, हर कदम कदम पर,
तुझको साथ खड़े देखा है!!
कुछ नया,तेरा लाल करके दिखायेगा,
तेरे साथ से ही, जग जीत पायेगा।
