लालसा है जीने की, गरीबी का समर हूँ, लालसा है जीने की, गरीबी का समर हूँ,
जो भी हूँ, तुझसे हूँ!! माँ,बता तेरे लिए क्या लिखूं? जो भी हूँ, तुझसे हूँ!! माँ,बता तेरे लिए क्या लिखूं?
तू ही इस पार है भगवन तू ही उस पार रहा। तू ही कश्ती, तू ही साहिल, तू ही मझधार रहा। तू ही इस पार है भगवन तू ही उस पार रहा। तू ही कश्ती, तू ही साहिल, तू ही मझधार ...
बिना उनके रहा एकाकीपन मेरा जीवन। किंतु वो न जानें बिन उनके निराधार है जीवन। बिना उनके रहा एकाकीपन मेरा जीवन। किंतु वो न जानें बिन उनके निराधार है जीवन।