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Hemant Latta

Tragedy Action Inspirational

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Hemant Latta

Tragedy Action Inspirational

किरदार अधूरे होते है!

किरदार अधूरे होते है!

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भीड़ है यहां, 

लंबी कतारें है,

खड़े है नौजवान,

अब हिम्मत हारे है!


कंधे पर है बस्ते, 

कठिन है इनके रस्ते,

बढ़ना चाहते है जीवन में, 

मार्ग कहां है सस्ते!


जिम्मेदारियो का बोझ लिए, 

बस चल पड़े है, 

सब कुछ छूट रहा,

पर पैरों पर खड़े है?


लज्जित है खुद से, 

न कि अपने काम से, 

गर्दन झुकी है इनकी,

सरकारी नौकरी के नाम से!


देखते है सपने लाखों, 

सबके कहां पूरे होते है, 

कुछ कहानियां बयां इसलिए नहीं होती, 

क्योंकि उनके किरदार अधूरे होते है!


अपनी मुस्कान के पीछे, 

वो ग़म छुपाये फिरता है, 

मेरे देश का नौजवान चोर नहीं है, 

फिर भी मुँह छुपाये फिरता है!


क्या ये शिक्षा की कमजोरी है? 

क्या "रिश्तों" की ये डोरी है? 

शादी, इज़्ज़त, प्रेम सबको नहीं, 

क्या "सरकारी" इतनी जरूरी है?


समाज की मानसिकता, 

"हेमन्त" कहाँ बदल पायेगा?

उद्यम से ज्यादा इज़्ज़त "बाबु" को मिलेगी, 

तो भारत कहां बढ़ पायेगा?


© Hemant Latta



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