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Sakshi Tamboli

Children Stories

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Sakshi Tamboli

Children Stories

गर्मी आई मौसम हुआ गरम

गर्मी आई मौसम हुआ गरम

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गरमी के दिन आए

तेज चलाओ पंखे, कूलर ,

गरमी के दिन आए

कुल्फी, शरबत,आइसक्रीम ,

तरबूजे के दिन आए

गरमी के दिन आए

गरम हवा के पड़े थपेड़े तन से बहे पसीना ,

धूप तेज है ,बिन छाते के घर से जाओ कहीं ना

फ्रिज का ठंडा –ठंडा पानी ,पीने के दिन आए

तेज चलाओ पंखे, कूलर ,गरमी के दिन आए

बंद हुए स्कूल ,दुपहरी भर खेलेंगे हम

छोटू,पिकलू ,गुड्डा –गुड़िया और बुआ के संग

रोक-टोक अब नहीं किसीकी ,मस्ती के दिन आए

तेज चलाओ पंखे, कूलर ,गरमी के दिन आए

चलो किसी हिल –स्टेशन पर या फिर नदी –किनारे

या फिर वाटर –पार्क ,जहाँ पर चलते हों फुब्बारे

दो –दो बार नहाओ दिन में स्वीमिंग के दिन आए

तेज चलाओ पंखे, कूलर ,गरमी के दिन आए

चाय –कॉफी नहीं चाहिए, ठंडा दूध पिएंगे

शरबत लाओ ,लस्सी लाओ ,हम तो जूस पिएंगे

हलके र्ंगों वाले ,सूती कपड़ों के दिन आए

तेज चलाओ पंखे, कूलर ,गरमी के दिन आए

कुल्फी, शरबत,आइसक्रीम,

तरबूजे के दिन आए

तेज चलाओ पंखे, कूलर ,

गरमी के दिन आए।


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