कड़-कड़, खड़-खड़। लू की मोटर दौड़े सरपट। कड़-कड़, खड़-खड़। लू की मोटर दौड़े सरपट।
देखने में तो सदा शर्बत-सी लगती है। जब छुआ होठों से,मारक जहर-सी है जिन्दगी। देखने में तो सदा शर्बत-सी लगती है। जब छुआ होठों से,मारक जहर-सी है जिन्दगी।
चाय –कॉफी नहीं चाहिए, ठंडा दूध पिएंगे शरबत लाओ ,लस्सी लाओ ,हम तो जूस पिएंगे। चाय –कॉफी नहीं चाहिए, ठंडा दूध पिएंगे शरबत लाओ ,लस्सी लाओ ,हम तो जूस पिएंगे।
मैं एक छोटी कठपुतली, रोना मुझको आता नहीं। मैं एक छोटी कठपुतली, रोना मुझको आता नहीं।
ग़म को मान के मीठा शर्बत आंख मूंदकर पी लेता हूं। ग़म को मान के मीठा शर्बत आंख मूंदकर पी लेता हूं।