जी ले जरा
जी ले जरा
क्या खोया क्या पाया के कशमकश में,
कहीं बीत न जाए जिन्दगी के पल,
जो आज में अगर जी न पाए तुम,
तो कल की फिक्र कर के क्या पाओगे तुम।
माना की उलझनें बहुत है जिंदगी में,
मगर फिर भी कुछ तो बात है जिंदगी में,
एक बार गले लगा कर जिंदगी को अपना बना
फिर देख इस जिंदगी का अपनापन।
गमों का खजाना हो, चाहे खुशियों की सौगात
इनका आना जाना ही तो सफर है हमारा
तो क्यूं ना खुल कर हम हँस लें यहां,
तो क्यूं ना खुल कर हम जी ले यहां,
तो क्यूं ना खुल कर उड़ान भरे
आ हम भी तो एक बार जिंदगी जी ले।