सफर
सफर


गिरना, उठना, उठ कर फिर से गिरना
गिर कर फिर संभालना, संभल कर फिर
एक बार चलने की कोशिश करना
यही तो जिंदगी के कदम है।
अक्सर जिंदगी के सफर में
हम लड़खड़ा जाते है
पर वक्त ऐसा भी आ जाता है
जब लड़खड़ाते कदम वक्त के साथ
मजबूत हो जाते है।
माना की मुश्किलें बहुत आती है
जिंदगी के हर मोड़ पे
माना की उलझनें भी
बहुत आती है जिंदगी के मोड़ पे
घबरा सा जाता है ये दिल
सहम जाता है ये मन
पर हौसला अगर हो बुलंद
तो हर जंग में जीत तय है।