बंधन
बंधन

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खट्टी मिठी यादों से बना
ये रिश्ता,
तेरे मेरे नोंक झोंक के
पिटारों का किस्सा,
कुछ तेरी कुछ मेरी
कारनामों का किस्सा।
याद है मुझे,तेरा मुझे
परेशान करना,
कभी मेरे बालों को
खींच कर भाग जाना,
तो कभी चिकुटी काट कर
हमें रुलाना,
पर उन आंसुओं को देख कर
तुम भी उदास हो जाते थे,
तभी तो अपने पॉकेट में
हमेशा ही चॉकलेट रखते थे।
हां,माना की हम भी थोड़े
नटखट थे,
छोटी-छोटी बातों पर
यूहीं चीखा करते थे,
जब तक बात पापा तक ना पहुंचे
यूहीं शोर मचाते थे।
तब हम दोनों कितने नादान थे,
जिंदगी से अंजान थे,
पर आज भी बीते पलों
को याद कर हम मुस्कुराना
भूलते नहीं।
माना की आज हम दोनों दूर है,
पर ये बंधन हमारा मजबूत है,
हम एक ही डाली के वो फूल है
जो जन्म-जन्म साथ है।