घर
घर


जिंदगी संवरती है मोहब्बत से
मोहब्बत से संवरता है ये घर
जिस घर में बरसता हो मोहब्बत
वो घर सच में है जन्नत।
आज धनवान वो नहीं जो दौलत से डूबे है
आज धनवान वो है जो रिश्तों से घिरे है
जिस घर में मोहलत मिल जाती हो मुस्कुराने की
उस घर से खुशकिस्मत कोई घर नहीं।
जहां रिश्तों में मर्यादा हो
जहां अपनों का अपनापन हो
जहां आपके बड़ों का साथ हो
वही तो घर कहलाता है
वरना ऊंची इमारत तो बहुत खड़ी है
बस उस इमारत में मोहब्बत की कमी है।