तेरा हमदर्द
तेरा हमदर्द
वो वक्त था जो गुजर गया
तेरी यादों में
मैं हर वक्त तड़पता था
अब मार दिया मैंने उस कीड़े को
जो तेरे लिए मेरे दिल में
उस वक्त फड़कता था।
अब याद भी करूँ
तो तेरी कोई याद नहीं आती है
तेरे ख्वाबों में मैंने भटकना छोड़ दिया है
वो भी एक वक्त था
जब ये दिल सिर्फ तेरे लिए तड़पता था
अब तो इस जालिम ने भी तड़पना छोड़ दिया है।
एक गुजारिश है मेरी तुझसे
अब कभी किसी का दिल मत तोड़ना
क्यूंकि, हर किसी का अच्छा ईमान नहीं होता
कई हैवान भूखे है यहाँ जिस्म के
नोच डालेंगे तुझ नादान को
क्यूंकि, हर कोई सच्चा इंसान नहीं होता।
