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Rishabh Tomar

Drama

5.0  

Rishabh Tomar

Drama

पहला प्यार

पहला प्यार

1 min
408


जब चूमा भाल था मेरा माँ ने सबसे पहली बार

सबसे प्यारा सबसे न्यारा वो ही था पहला प्यार


जब जब घोड़ा बन बाबा जी खेले खेल थे मेरे संग

लगत था हर पल वो मुझको मानो हो कोई त्यौहार


बापू जी ने प्यार से जब जब मेरे सर पर फेर हाथ

तब तब लगा अकेलेपन में भी संग है सारा संसार


मिली अपरचित इक़ लड़की थी बनकर के मेरी राधा

अद्भुत व अद्वितीय लगा मुझे वो निस्वार्थ प्रेम अपार


प्रेम और अपने पन से धागों को दे राखी का नाम

तोहफे में बहना ने बांधी देकर के थी दुआ हजार


लेकिन देखा प्यार आज का फूल से ले इक़ रात चला

तब लिखा मैंने ये ही ये प्यार नही है बस है व्यापार


अपने अपने परिवारों संग चलो मनाये प्रेम दिवस

ये ही है वेलेंटाइन हमारे है जीवन के ये ही आधार।


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