प्रीत का रंग
प्रीत का रंग
जब से तेरे प्रीत के रंग का एहसास हुआ है,
दिल मे बस ये अरमान हुआ है,
इस होली माही तू ऐसा रंग दे ,
तेरे प्यार का रंग मुझ पर चढ़ जाये,
सारे रंग फीके पड़ जाए,
जो तेरी प्रीत मुझे मिल जाए !
जीवन के इस राग में,
रंग तेरा मुझ पर ऐसा चढ़ जाए,
के दुनिया के सारे रंग फीके से लगे,
मुझको तेरे प्यार में !
इस होली के त्यौहार में,
रंग अबीर ग़ुलाल में,
तेरी प्रीत का रंग इस कदर घुल जाए,
के अंबर भी बस प्यार के रंग बरसाए !