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Rajeev Sharma Raj

Drama

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Rajeev Sharma Raj

Drama

मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है

मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है

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मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है

कुछ जिद्दी, कुछ नकचढ़ी हो गई है

मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है


अब अपनी हर बात मनवाने लगी है

हमको ही अब वो समझाने लगी है

हर दिन नई नई फरमाइशें होती है

लगता है कि फरमाइशों की झड़ी हो गई है

मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है


अगर डाटता हूँ तो आंखें दिखाती है

खुद ही गुस्सा करके रूठ जाती है

उसको मनाना बहुत मुश्किल होता है

गुस्से में कभी पटाखा कभी फूलझड़ी हो गई है

मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है


जब वो हंसती है तो मन को मोह लेती है

घर के कोने कोने मे उसकी महक होती है

कई बार उसके अजीब से सवाल भी होते हैं

बस अब तो वो जादू की छड़ी हो गई है

मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है


घर आते ही दिल उसी को पुकारता है

"राज" सपने सारे अब उसी के संवारता है

दुनियाँ में उसको अलग पहचान दिलानी है

मेरे कदम से कदम मिलाकर वो खड़ी हो गई है

मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है।


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