आओ चलो फिरसे शुरुआत करते है।
आओ चलो फिरसे शुरुआत करते है।
आओ चलो फिरसे शुरुआत करते हैं
आओ एक नयी दुनिया का आगाज़ करते हैं
एक नयी दुनिया जहाँ
जहा तुम्हारी तिलक भी सही
और गलत मेरी दाढ़ी भी नहीं
जहा मेरा नमाज़ भी सही
और गलत तुम्हारी आरती भी नहीं
एक नयी दुनिया
जहा मै दिल से करू श्री राम की इज़्ज़त
और तुम ना होने दो बेअदब अल्लाह को कही।
जहा तुम मस्जिदों की करो हिफाज़त
और मै टूटने ना दु मंदिर को कही।
एक ऐसी दुनिया जहा
मई पढू गीता के अध्याय कभी
और तुम्हें याद हो कुरान की
आयात भी कोई।
आओ चलो फिरसे शुरुआत करते हैं
बड़ी बेरंग सी हो गयी है ये दुनिया
इसमें कुछ रंग मोहब्बत के भरते हैं
आओ फिरसे शुरुआत करते हैं।