STORYMIRROR

Ahmed Khan

Drama

4  

Ahmed Khan

Drama

आओ चलो फिरसे शुरुआत करते है।

आओ चलो फिरसे शुरुआत करते है।

1 min
492

आओ चलो फिरसे शुरुआत करते हैं

आओ एक नयी दुनिया का आगाज़ करते हैं

एक नयी दुनिया जहाँ

जहा तुम्हारी तिलक भी सही

और गलत मेरी दाढ़ी भी नहीं 


जहा मेरा नमाज़ भी सही

और गलत तुम्हारी आरती भी नहीं

एक नयी दुनिया

जहा मै दिल से करू श्री राम की इज़्ज़त

और तुम ना होने दो बेअदब अल्लाह को कही।

जहा तुम मस्जिदों की करो हिफाज़त

और मै टूटने ना दु मंदिर को कही।


एक ऐसी दुनिया जहा

मई पढू गीता के अध्याय कभी

और तुम्हें याद हो कुरान की

आयात भी कोई।


आओ चलो फिरसे शुरुआत करते हैं

बड़ी बेरंग सी हो गयी है ये दुनिया

इसमें कुछ रंग मोहब्बत के भरते हैं

आओ फिरसे शुरुआत करते हैं। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama