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Mahesh Sharma Chilamchi

Drama

4.3  

Mahesh Sharma Chilamchi

Drama

यादों की दस्तक

यादों की दस्तक

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वाकई,

पुराने दिनों की,

यादों ने,

फिर से,

दस्तक दे दी,


जब मौका मिला,

खेत की मिट्टी के,

सौंधे सौंधे स्वाद से,

लवरेज,


चने के साग खाने का,

खट्टी खट्टी अनुभूति देते,

साग का,

जब नमक और लाल मिर्च के,

मिश्रण के साथ,


जीभ से जब, 

चिर प्रतिक्षित मिलन हुआ,

क्या कहूं,

इन्द्र की अप्सराओं के साथ,

छप्पन भोग भी,


फीके पड़ गए,

कभी बचपन में,

जब गली मुहल्ले के

साथियों संग,

बसंत की,

खिली धूप में,

कागज के टुकड़े पर,


लाल मिर्च नमक का मिश्रण लेकर,

चने के साग की सुवासित क्यारियों में,

जाने का प्लान बनता था,

मन अजीब सी खुशी में,

बल्लियों उछलता था,


और उस मिश्रण को,

एक दूसरे से हथियाने में,

जो धमा चौकड़ी होती,

वरवश दिमाग में यादों के पोथे,

और मुंह में रसीले पानी का आना,

स्वत: हो जाता है।


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