और मुंह में रसीले पानी का आना, स्वत: हो जाता है। और मुंह में रसीले पानी का आना, स्वत: हो जाता है।
हम तो जहरीले बन चुके हैं अपनी ही कौम को खा रहे पशु पक्षी पेड़ पौधों को , खनिज संपत्ति को नष्ट कर रहे... हम तो जहरीले बन चुके हैं अपनी ही कौम को खा रहे पशु पक्षी पेड़ पौधों को , खनिज सं...
वो बचपन की यादें हैं आती, खाने में मैं कितना लापरवाह! भूख लगे माँ बनाती झट से, माँ करती कितनी परव... वो बचपन की यादें हैं आती, खाने में मैं कितना लापरवाह! भूख लगे माँ बनाती झट से,...