वापस चलो रे आगे बहुत खतरा हैं
वापस चलो रे आगे बहुत खतरा हैं
वापस चलो रे आगे बहुत खतरा हैं
कुछ नहीं यार ये तो केवल मोह माया
कुछ करो या ना करो बली का बकरा हैं
ऐसा कोई सगा नहीं जिसको उसने ठगा नहीं
हमसे तो जानवर अच्छा माना अक्ल उसको कम हैं
मगर वो न सगों का खून चूसता हैं ना खा जाता हैं
हम तो जहरीले बन चुके हैं अपनी ही कौम को खा रहे
पशु पक्षी पेड़ पौधों को , खनिज संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं
हमसे तो पालतू जानवर ईमानदार हैं बेहतर हैं
जिस मालिक का खाते हैं उन्हीं को प्यार देते हैं
और हम स्वार्थी दल बदलू खूंखार रक्त पिपासु
मानवता का धर्म सब कुछ भूल चुके हैं कसम से
वापस चलो यार आगे बहुत हैं दिक्कतें
फिर से मोगली बन जाते हैं जंगल में
हंसी खुशी जीवन बिताते हैं उन सबके बीच
रहकर दोहराते हैं जीवों और जीने दो बड़े प्यार से