जुमलोवाली चाय
जुमलोवाली चाय
चाय वाले से कभी डरना ना
बेकूफो की बाते सुनना ना
बेवजह कभी तनना ना
मेरी राय जुमलों की चाय पीना ना
उनसे बेहतर तो अंग्रेज थे
जो कुछ भी करना बोलते थे
सबकुछ खुल्लम खुल्ला
न की मुँह में राम बगल में छुरी
न कोई शक्कर हैं ना दूध ,चायपत्ती
थोडीसी खट्टी थोडीसी मिट्ठी लगती प्यारी
बनानेवाले होश में हैं ना पीनेवाले अब तो
सपनो के शहर में जुमलों की चाय
चाय तो बनी , सबने मानी हैं
किसने पी किसने पिलाई हैं ?
फुजूल के सवाल - जवाब नहीं चाहिए
मस्त पीवो सुस्त रहो धन्यवाद कहो
आज तक न ऐसी चाय देखि न ग्राहक
अंधभक्तो की टोली देखि न प्रधानसेवक
क्या फर्क पड़ता हैं भाई हम सबको
चायवाला आये या गायवाला लगे रहो
जब तक दुनिया रहेगी तब तक चाय
पीनेवाले और पिलानेवाले बदलेंगे
लेकिन चाय की नशा बदलेगी राय
ग्राहक तो पीते रहेंगे उनके लिए गाते रहेंगे
कितने चायवाले आये और चले गए
न कोई कभी याद आया न साथ आया
अब तो चाय तो नहीं हैं लेकिन बहस जरूर
कैसी लगी किसने पिलाई जुमलोवाली