STORYMIRROR

Ritu Agrawal

Action Classics Inspirational

4  

Ritu Agrawal

Action Classics Inspirational

लम्हें ज़िंदगी के : बचपन की यादें

लम्हें ज़िंदगी के : बचपन की यादें

1 min
228

जब बैठती हूँ लेकर कागज़- कलम हाथों में,

मन का पंछी उड़ने लगता पुरानी यादों में।

 वो बचपन का घर-आँगन ,वो छोटा सा गाँव।

वो बारिश के पानी में कागज़ की नाव।


वो भोले गाँववाले, मेहनत थी जिनकी शान।

वो छोटा सा ताल, खेत और खलिहान।

वो शरारत के साथी, जो थे मेरी जान।

वो पीपल का भूत , और नीम की छाँव।

वो बारिश के पानी में कागज़ की नाव।


वो कच्ची सी सड़कों पर उछल-कूद करना।

भूख लगने पर,किसी के घर भी पेट भरना।

लड़ना - झगड़ना फिर दोस्ती करना ।

न कोई दिखावा , न जीवन के तनाव।

वो बारिश के पानी में कागज़ की नाव।


ये बचपन की यादें हैं, जो भूलती नहीं।

समय के साथ भी धुँधलाती नहीं ।

वो सबसे अच्छे और बेखौफ़ दिन थे।

जहाँ सभी अपने और आत्मीय जन थे।

छोटी-छोटी खुशियों के भी,थे बड़े चाव।

वो बारिश के पानी में कागज़ की नाव।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action