सैनिक
सैनिक
मारा जो उसने सैनिक एक हमारा है
हमने कई दुश्मनों को मार गिराया है।
देश रखवाली खातिर सीमा पर सैनिक है
दिन रात लगाकर घात काँटो में वो बैठता है।
बचाकर अपनी देश का स्वाभिमान
बन जाता सबकी आँखों का तारा है।
कितनी मुश्किलों से जान पर खेलकर
नदियाँ,पर्वत जंगल में कष्टों से जूझते हैं।
वह देश का सपूत सर्दी, गर्मी,बारिश को
अपने बदन पर लेकर हमारी रक्षा करता है।
यादों में ही दिन रात सिपाहियों के कटते हैं
बरस-बरस के आँसू बारिश में ही खो जाते हैं।
क्यों होते हैं दंगे यह जात-पात के नामों पर
मिटा दो यह फसाद बस अब एक हो जाते हैं।
