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Meenakshi Kilawat

Classics Others

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Meenakshi Kilawat

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शीर्षक-जय शिव शंकर जय भोलेनाथ

शीर्षक-जय शिव शंकर जय भोलेनाथ

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शीर्षक-जय शिव शंकर जय भोलेनाथ....
 जय शिव शंकर जय भोलेनाथ....
 कर हर-हर महादेव जयकार...…!
गले सर्प की माला , माथे पे रहती गंगा बेलपत्र को चढ़ा दो कुछ ना मांगे भोला...!
ओम ध्वनि से कष्ट मिटे हैं तनमन पुलकित हो जाए ध्यान धरे तेरे चरणों में वो अनंत ताप सह जाए ....!
 निज भक्ति में डूबे चंद्रशेखर तन मन है स्वरूप निराला.... जय शिव शंकर जय भोलेनाथ....!!
 डूब रही है संस्कृति सारी आपदा आई है भारी इस संकट की घड़ी से उबारो चंद्रचूड़, निलकंठ, सबको तारो पपिया का नाश करने खातिर त्रिशूल अपने हाथ में लेलो दुनिया में आप दिखा दो अपना जलवा....
 जय शिवशंकर जय भोलेनाथ....!!
सगुन निर्गुण का भेद मिटाकर शिवपिंड में ही है जीवन का सार नित निमग्न रहते ध्यान में, सुख देते हैं महादेव अपार ऐसे शिव शंकर है भोलेनाथ पपिया का नाश करने त्रिनेत्र खोलो सुख का सागर शिव का शिवाला... जय शिव शंकर जय भोलेनाथ....!!
मीनाक्षी किलावत (अनुभूति)वणी २)


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