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फैसले की घड़ी है

फैसले की घड़ी है

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हिन्दी कविता - फैसले की घड़ी है 


सोचने की नहीं, फैसले की घड़ी है;

सामने समस्या देश की खड़ी है,

ईवीएम का बटन कहाँ दबेगा,

अब घड़ी वोटिंग की चल पड़ी है|


देश को बचाना है, बटन दबाना है;

चाहे बोलो अली या बजरंगबली,

जिसको देना सोच समझ कर देना,

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lor: rgb(29, 33, 41);">हिन्द दुशमनों मचा दो खलबली है|


जीतेगा भारत, आगे बढ़ेगा भारत;

चुनेंगे जिसको वही बाहुबली है,

नेता ऐसा सर झुकने ने दे,

बुझाये लोगों भूख देश बड़ी है|


दिन चुनाव हम त्यौहार मनाएंगे,

बाद चुनाव फुटे देश फुलझड़ी है,

देखो चुकना नहीं तुम सो जाना नहीं,

देंगे वोट सभी खुशियाँ आ चली है|


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