STORYMIRROR

punit patel

Classics Inspirational

3  

punit patel

Classics Inspirational

तराना

तराना

1 min
834


शब्द का है पास मेरे कुछ खज़ाना,

इसलिये गाता रहा हुँ मैं तराना|


चल तू भी आजा हमारे साथ प्यारे,

गीत फिर से कोई गायें हम सुहाना|


है चमन में साथ कांटे और गुल की,

क्या कहें हम बस यही तो है जमाना|


कुछ किताबें चंद किस्से और क्या था,

बस यही तो ज़िन्दगी का है फ़साना|


हार है तो हम वज़ह है, मान वो सच;

अब यहाँ ना नाम किस्मत का लगाना|


इश्क़ मोहब्बत पुराने वक़्त की है

बात, अब इस पर भरोसा ना जताना|



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics