प्रेमपाश
प्रेमपाश
सीमित जीवन में बहुत मुख्य है प्रणयपूर्ण प्रेमपाश,
अस्थिर मन को प्रसन्नता सांत्वना दे यह अद्भुतरस अमृतप्राशI
सभी इच्छुक हैं सम्प्राप्त करने यह प्रीत की डोरी,
जीवनसाथी से मिला हुआ नवरस नवरंग बनाये जीवन को न्यारी प्यारीI
अकेले-अकेले कब तक व्यतीत होगा यह जीवनकाल,
प्रेम बंधन की अनगिनत बातें सजीव रहेंगी जीवनकालI
कितना सुरम्य है श्री उमाशंकर श्री सीताराम श्री लक्ष्मीनारायण का पवित्र बंधन,
अत्यंत रम्य काम्य दृश्य काव्य है श्रीराधेश्याम रुक्मिणी-श्याम का प्रेम बंधनI
पुरी चंदनचाप नौके में पता चले मदनमोहन श्रीदेवी भूदेवी जी का प्रणयालाप,
रथयात्रा के हेरापंचमी नीलाद्रि बिजे के दिन पता चले महालक्ष्मी श्री जगन्नाथ का प्रीतिकर संलापI
दिनोंदिन आएंगे जायेंगे नूतन-नूतन प्रेममय अनुभव,
सजाकर संभलकर रखें सकल अविस्मरणीय विभवI
कुछ अनुरागपूर्ण सुमधुर सुनहरे पल लगे बहुत सुखमय,
यही अमूल्य आनंदपूर्ण क्षणों का नहीं है कोई विनिमयI