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Raja Sekhar CH V

Abstract Classics Inspirational

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Raja Sekhar CH V

Abstract Classics Inspirational

जन्नती उजाला

जन्नती उजाला

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चिराग़ कर रहे हैं अमावास को रौशन,

आसमानी नूर से सज गए हैं घर आंगन,


ज़मीन पर आए हैं तारे सितारे हसीन,

दीयों से दीपावली का जश्न है बेहद रंगीन,


दस्तरख़ानों में दिखते हैं लज़ीज़ पकवान,

चमक दमक से भर जाए हरएक मन,


रौनक फ़ैलानेवाला यह त्यौहार है मनभावन,

सालोंसाल क़ायम रहे ये जन्नती उजाले का अंजुमन।।


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