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Raja Sekhar CH V

Abstract Action Others

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Raja Sekhar CH V

Abstract Action Others

परिवर्तन

परिवर्तन

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कर्तव्य के पथ में जब कर्तव्य न हो,

प्रशासन में जब अनुशासन न हो,

सरकार में जब उत्तरदायित्व न हो,

लोकतंत्र में जब जन की बात न हो,

तब प्रजा को परिवर्तन का निर्णय लेना पड़ता है |१|


देश की जनता में जब एकता न हो,

धर्म के नाम पर जब विभाजन होता हो,

वर्ण का आधार पर जब वर्गीकरण होता हो,

भाषाओं से जनमानस में तुष्‍टीकरण की राजनीति होती हो,

तब समाज को सकारात्मक संशोधन का संकल्प लेना पड़ता है |२|


सच को जब अनवरत छुपाया जाता हो,

बार बार शांति को जब भंग किया जाता हो,

निर्दयी शासन के द्वारा शोषण सीमा न रहती हो,

राजा के समर्थकों की मूर्खता जब दिनों दिन बढ़ती हो,

तब प्रजा को ही नए निर्णय का शंखनाद करना पड़ता है |३|


संविधान का अपमान जब किया जाता हो,

विधि व्यवस्था की मान्यता जब अवमान्य होती हो,

सत्ता के पदाधिकारियों में मानवता जब लुप्त होती हो,

सरकारी कार्य में अराजकता जब साधारण विषय होता हो,

तब जनसमूह को ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों को हटाना ही पड़ता है |४|


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