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मैंने कल खुद को देखा

मैंने कल खुद को देखा

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रात गर्व सी थी उन पलकों की दीवारों में

मैंने कल खुद को देखा वर्दी और सितारों में ।


बुझते हुए चिरागों से हमने आग लगाई है

छाती पे पत्थर घिस घिसकर हमने किस्मत पाई है ।

औकात रहे तो साथ रहो हम भी किसी के प्यारे हैं

अभीमानों वाले राहों पर पत्थर की बड़ी मिसाले है ।

हौसले शेरों से दिखे मां के उन बंजारों में

मैंने कल खुद को देखा वर्दी और सितारों में ।


जिनसे वो पत्थर टूटे ताकत के धनवान कहाँ है

मिट्टी के भगवान बहुत है मिट्टी के इंसान कहाँ है ।

हिम्मत के दर्दो से भरा पड़ा हुआ एक कोना था

मैं भी तो उसके दिल के टुकड़ों वाला सोना था ।

आज दीवाना जाग गया था मां के एक पुकारो में

मैंने कल खुद को देखा वर्दी और सितारों में।


आवाजों से बात करो ये दिल के आलम गहरे हैं

ये हीरो के अंदाज नहीं ये वीरों वाले चेहरे हैं ।

हिम्मत की कहानी लिखी हुई थी हीरो वाली छाती पे

कितना सम्मान मिला उस दिल को जो रोज रेंगता माटी में ।

किए हौसले इतने बुलंद कि कल आऊंगा अखबारों में

मैंने कल खुद को देखा वर्दी और सितारों में ।


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