चंदल ने बलिदान दिया
चंदल ने बलिदान दिया
देश की सीमा पर लड़ते–लड़ते
चन्दन ने बलिदान दिया।
शेरे हिन्द ने लिपट तिरंगे में
देश को अंतिम प्रणाम किया।
है धन्य धन्य मात- पिता
और चंदौली की धरती है।
एक नहीं कई संतान हुई पैदा
देश की सेवा करती है।
सलाम चन्दन जिसने हँसकर
मौत का दामन थाम लिया।
रहता चन्दन जहाँ भी
जैसे सारा गुलशन महकाता है।
खड़ा सीमा उरी चन्दन
पूरे दुश्मन को धमकाता है।
पीठ न दिखाई खाई गोली
शहादत सारे आम दिया।
जब तक भारत का इतिहास रहेगा
चन्दन का नाम रहेगा।
खाली न होगा तेरा बलिदान
दुश्मन घमासान रहेगा।
छाती चौड़ी हुई पिता की
जो तूने सर अनजाम दिया।
शत् शत् नमन तेरे बलिदान
तेरे गाँव की मिट्टी को।
तू जिंदा दिल मे हमारे
लो पढ़ लो मेरी चिट्ठी को।
होकर बलिदानी चन्दन
तूने जन्मभूमि सम्मान दिया।
शहादत को तेरी
बलिदान दिवस हम सब मनाते हैं।
विजय गाथा तेरी जाबांज
भारत को हम अब सुनाते हैं।
जय हिन्द जय भारत
जय चन्दन भारती सलाम किया।
