बड़ी-बड़ी बातें करते थे इतिहास की, नागरिक शास्त्र की मतदान की, अपने अधिकार की बड़ी-बड़ी बातें करते थे इतिहास की, नागरिक शास्त्र की मतदान की, अपने अधिकार क...
अलग भी होना ठहरा था, मगर किसे ज़ालिम कहना है, इस पर दावेदारी थी। अलग भी होना ठहरा था, मगर किसे ज़ालिम कहना है, इस पर दावेदारी थी।
जग मस्तक झुकाएगा, जब नारी बन जाती झाँसी की रानी है। जग मस्तक झुकाएगा, जब नारी बन जाती झाँसी की रानी है।
पूरा कर पाता हूं या नहीं, इसका अवलोकन, 2021 में करेंगे। पूरा कर पाता हूं या नहीं, इसका अवलोकन, 2021 में करेंगे।
सच लिख सके जो अब सदा ऐसा नया अखबार हो। सच लिख सके जो अब सदा ऐसा नया अखबार हो।
अपने और अपनों के बीच एक खास जगह पाइये। अपने और अपनों के बीच एक खास जगह पाइये।