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RAJNI SHARMA

Action Classics

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RAJNI SHARMA

Action Classics

भारतेंदु हरिश्चंद्र

भारतेंदु हरिश्चंद्र

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काव्य सृजन के स्वामी,

करते हाथ जोड़ वंदन,

भारत के लाल,

राष्ट्र के गौरव तुम कहलाए,

शत शत करें अभिनंदन।।


संघर्षों की राह पर चलकर,

पत्रकारिता से नव संचार किया,

जन जागरण अभियान चला,

नव चेतना का संचार किया,

प्रेम भाव अनूठे सिंहासन पर,

आपने विराजमान किया।।


हे काशी नंदन, 

अनाथ होकर सत्कर्मों से,

जग को अपना लिया,

भारत के गहने हो तुम,

श्री चरणों में सुमन,

अर्पित करते हैं,

शत शत नमन करते हैं।।


प्रेम प्रकाश, चरितावली,               

चन्द्रप्रभा, विजय पताका,        

साहित्य का उत्थान किया,

राष्ट्र प्रेम की ज्वाला से,

कवियों का पथ प्रदर्शन किया,

नारी शक्ति को सम्मानित करने,

वाले ऐसी महान विभूति को,

शत शत नमन करते हैं।।



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