आओ दोस्त
आओ दोस्त
आओ दोस्त तुम्हें दिखाये
झाँकी हिंदुस्तान की
बिन्दूक से शुरू हुई
चरखे पर ख़त्म हुई
अंग्रेजों से लड़ाई
धरती हिंदुस्तान की
सोये थे सारे भारत वासी
देखा ख़्वाब झाँसी की रानी
कुंद जंग के मैदान में
लेके हाथों में तलबार को
जब खबर पडा भगतसिंह को
ख़्वाब अधूरा झाँसी का
उठा बंदूक निकल पड़े
अंग्रेज भागने को
महात्मा गांधी ने कमान समाली
ख़्वाब पूरा हुया झाँसी के रानी का
मुक्त हुई धरती अंग्रेजों से
अब अंग्रेजी से कराने की बारी हमारी है।
