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बरसों बाद खुशियों का दीदार हुआ, फिर भी मुसीबतों का ढेर नहीं हुआ। बरसों बाद खुशियों का दीदार हुआ, फिर भी मुसीबतों का ढेर नहीं हुआ।
हमसफ़र नहीं है तू मेरा पर दोस्त तो आज भी है हमसफ़र नहीं है तू मेरा पर दोस्त तो आज भी है
आलमारी में रखी किताबें आज रो रही है, चीख चीख कर पूछ रही हैं अब कोई हमें छूता नहीं। आलमारी में रखी किताबें आज रो रही है, चीख चीख कर पूछ रही हैं अब कोई हमें छ...
"हम भी आपके साथ कॉफी और समोसे खाना चाहते हैं। "हम भी आपके साथ कॉफी और समोसे खाना चाहते हैं।
अब कहाँ वो जमाना यारों ये सब बचपन में हुआ करते थे। अब कहाँ वो जमाना यारों ये सब बचपन में हुआ करते थे।
मनाने को हम चाँद से मुखड़े पर हरि-लाल गुलाल लगा देते मनाने को हम चाँद से मुखड़े पर हरि-लाल गुलाल लगा देते
चाँद से मुखड़े पर सुरीले होंठ, दिन लिखूं या रात लिखूं। चाँद से मुखड़े पर सुरीले होंठ, दिन लिखूं या रात लिखूं।
भूली तो नहीं हुँ बस..... याद नहीं करती अब...... भूली तो नहीं हुँ बस..... याद नहीं करती अब......
एक और हमारे रीति-रिवाज है। दूसरी और मोबाइल का मायाजाल है एक और हमारे रीति-रिवाज है। दूसरी और मोबाइल का मायाजाल है
अपने प्यार से सावन की बरसात करना है, उधड़े रिश्तों पर तुरपाई करना है। अपने प्यार से सावन की बरसात करना है, उधड़े रिश्तों पर तुरपाई करना है।