होली की ख़ुशी
होली की ख़ुशी
होली की ख़ुशी अब होती नहीं,
ग़ुलाल अब शरारत से लगती नहीं,
मन तो समझा लेते है पुरानी बातों से,
बचपन वाले दोस्त अब मिलते नहीं।
कभी पानी से नहाते थे
कभी गुलाल से मूँछ बनाते थे
अब कहाँ वो जमाना यारों
ये सब बचपन में हुआ करते थे।
अब जमाना स्टेटस का है
अब बचपन एडिटिंग का है
फ्रिण्ड ऑनलाइन मिलते
होली इमेज की है।
