STORYMIRROR

Pratibha Jain

Romance Tragedy

3  

Pratibha Jain

Romance Tragedy

भूली तो नहीं हूं

भूली तो नहीं हूं

1 min
123


भूली तो नहीं हुँ बस.....

याद नहीं करती अब......

जी तो रही हुँ लेकिन.....

पहले की तरह नहीं......

होली का त्योहार अब मनाती नहीं हूं.....

होली खेलना भूल गई हूं....

मुस्कुराना भूल गई हूं.....

तेरे जाने के बाद....

शिकायते तो हैं इस दिल को.....

पर बक बक करना भूल गई हूं.....

अरमान तो बहुत है इस दिल को.....

अब मोहब्बत करना भूल गई हूं.....



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance