Pratibha Jain
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जुनून होगा तो, शहारत कैसे होगी। जब आऊंगी तेरी बाहों में, तो मोहब्बत की शुरआत कैसे होगी? प्रतिभा जैन टीकमगढ़ मध्य प्रदेश

सिर्फ़ ख्वाबों में मिलने आते है, हकीकत में वो अब मेहमान है। प्रतिभा जैन

आशिक बनना है तो नज़रों की राह में दस्तक दो, दरवाजे पर अक्सर अतिथि दस्तक दे जाते है।

नसीबों में न सही दोस्ती की लकीरें, मेरे हाथ में नाम लिखा है।

हम तो तेरी यादों में खोए है, ग्रुप कब ऑन हुये है। प्रतिभा जैन

आखों में नमी न रहने दो उजालों की किरणों में उम्मीद रहने दो।

ग़ज़ल लिखूं, शायरी लिखूं, जो भी लिखूं तुझ पर लिखू, चाँद से मुखड़े पर सुरीले होंठ, दिन लिखूं या रात लिखूं।

मोहब्बत का सवान देखा है, तुझें देख जमाना देखा है।

मोहब्बत का सवान देखा है, तुझें देख जमाना देखा है।


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