STORYMIRROR

Abasaheb Mhaske

Tragedy Action

4  

Abasaheb Mhaske

Tragedy Action

उसने कहा

उसने कहा

1 min
196

उसने कहा क्यों फालतू की मुसीबत मोल ले ?

भाई ! हम भले और अपनी नौकरी ,बीवी बाल बच्चे

उनका हम कुछ नहीं बिघाड सकते , यह ऐसा ही चलेगा

सदियों से चलता आया हैं और आगे भी चलेगा


उसने कहा यार तुम ना सोचते बहुत हो फुजूल का

जो जन्म लेता हैं उसे सहना ही पड़ता हैं यहाँ

जब तक धरती रहेगी तबै तक यह सब चलता रहेगा

मगर हम यूँही तमाशा देखते रहे तो आनेवाली पीढ़ी,


उसने मुझे टोकते हुए कहा हमें माफ़ नहीं करेगी उनका भविष्य ऐसाही कुछ कहोगे ना

तो लड़ो , मरो कुत्तो की मौत हमें क्या ? मैं तो जीवूंगा भाई अपनी मस्ती में 

तुम तुम्हारा देखो और भी मिलेंगे तेरे जैसे दुनिया बहुत बड़ी हैं

मैं सोचता रहा गलती किसकी हैं ? उसकी या आज़ाद भारत के दीवानो की ?


मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलना चाहिए उसकी कीमत पता ही नहीं चलती

हमारे पुरखो ने भारतवर्ष को आजादी दिलाने को क्या कुछ नाही खोया ?

इतनी क़ुरबानिया दी उन्हें क्या मालूम था की अपनी औलादे इतनी निठल्ली

मतलबी और अहसानफरामोश निकलेगी अपने किये धरे पर इसतरह पानी फिरेगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy