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Abasaheb Mhaske

Tragedy

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Abasaheb Mhaske

Tragedy

सुधर जाओ वरना

सुधर जाओ वरना

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अरे तुम आदमी हो या झूठ की फैक्ट्री

जो बोलते हो वो करते नहीं

जो करते वो कभी बोलते नहीं

आदमी हो या जादू की पोटली


अरे तुम आदमी हो या कोई नशा

न चाहकर भी नस नस में समाते हो

हर वक्त नौटंकी रोते कभी हँसते हो

आपदा में भी बेशर्मी से अवसर ढूंढ़ते हो


अरे तुम आदमी हो या कोई जादूगर

मुंगेरीलाली सपने दिखाते रहते हो

वास्तविकता से तुम कोसो दूर

मुसाफिर की तरह भेष कभी देश बदलते हो


अरे तुम आदमी हो न कोई अनसुलझी कहानी

अछूत प्रेमकहानी हो या सिर्फ एक वीरानी

अभी भी वक्त हैं दोस्त सुधर जावो वरना

वक्त होगा न कोई मौका समय बड़ा बलवान।


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